How many types of computers are ? कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है ?
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे की कंप्यूटर के कितने प्रकार होते हैकंप्यूटर के प्रकार उसके कार्य और रूप रेखा के अनुसार है जो हम आपको बताने जा रहे है
कम्प्यूटर का वर्गीकरण (Classification of Computer)
कंप्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कामकाज, उद्देश्यों, प्रयोजनों इत्यादि के आधारों पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है-1. आकार के आधार पर (On the Basis of Size)2. उद्देश्य के आधार पर (On the Basis of Purpose)3. अनुप्रयोग के आधार पर (On the Basis of Applications)
तो सबसे पहले हम आपको बताते है की आकर के आधार पर कंप्यूटर के कितने प्रकार होते है
How many types of computers are/ How many types of computers
आकार के आधार पर (On the Basis of Size)
आकार के आधार पर कम्प्यूटर पाँच प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है-
1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
वर्ष 1970 में तकनीकी क्षेत्र में इण्टेल द्वारा माइक्रोप्रोसेसर (Micro – Processor) का आविष्कार हुआ, जिसके प्रयोग से कंप्यूटर प्रणाली काफी सस्ती हो गई। ये कंप्यूटर इतने छोटे होते हैं कि इन्हें डेस्क (Desk) पर सरलतापूर्वक रखा जा सकता है। इन्हें कंप्यूटर ऑन ए चिप (Computer on a chip) भी कहा जाता है। आधुनिक युग में माइक्रो कम्प्यूटर फोन के आकार, पुस्तक के आकार तथा घड़ी के आकार तक में उपलब्ध हैं। इनकी क्षमता लगभग 1 लाख संक्रियाएँ प्रति सेकण्ड होती हैं। इन कंप्यूटरों का उपयोग मुख्यत: व्यवसाय तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। आजकल ये सभी PC की श्रेणी में आते हैं। PCs को नेटवर्क के रूप में कनेक्ट किया जा सकता है। इसके उदाहरण हैं- i Mac, IBM PS/2, APPLE MAC इत्यादि।
माइक्रो कम्प्यूटर्स कई प्रकार के होते हैं(There are many types of Microcomputers)-
(i) डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer): यह पर्सनल कंप्यूटर का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला रूप (Form) है। इस तथ्य के बावजूद कि PCs को छोटा करके आज लैपटॉप और पामटॉप का आकार दे दिया है, फिर भी अधिकांश घरों और व्यापारिक स्थानों पर आपको डेस्कटॉप ही मिलेंगे, क्योंकि ये सस्ते, मजबूत और ज्यादा चलने वाले होते हैं।
(ii) लैपटॉप (Laptop): विगत कुछ वर्षो में हुए तकनीकी विकास ने माइक्रो कम्प्यूटरों का आकार इतना सूक्ष्म कर दिया है कि उन्हें सरलतापूर्वक इधर-उधर ले जाया जा सकता है और साधारण व्यक्ति भी इनको खरीदकर उपयोग में ला सकता है। ऐसे कम्प्यूटरों को लैपटॉप कहा जाता है। लैपटॉप को कभी-कभी नोटबुक (Notebook) भी कहा जाता है।
(iii) पामटॉप (Palmtop): यह लैपटॉप की तरह पोर्टेबल पर्सनल कम्प्यूटर है। यह लैपटॉप से भी हल्का और छोटा होता है। यह हैण्डहेल्ड ऑपरेटिंग प्रणाली का इस्तेमाल करता है।
(iv) टैबलेट पर्सनल कम्प्यूटर (Tablet Personal Computer): टैबलेट और लैपटॉप एक तरह से समान हैं, परन्तु टैबलेट PC नोटबुक कम्प्यूटर से ज्यादा सुविधाजनक है। ये दोनों ही पोर्टेबल हैं, परन्तु प्रयुक्तसॉफ्टवेयर, स्क्रीन आदि की विभिन्नता से दोनों में अन्तर है। टैबलेट PC की स्क्रीन पर यूजर बिना की-बोर्ड की सहायता से लिख सकते हैं, परन्तु नोटबुक पर नहीं।
(v) पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट (Personal Digital Assistant): PDA या डिजिटल डायरी भी एक पोर्टेबल कम्प्यूटर ही है, लेकिन यह सभी काम नहीं कर सकता। मुख्यत: इसका उपयोग छोटे आँकड़ों और सूचनाओं; जैसे-फोन नम्बर, ई-मेल, एड्रैस, आदि के भण्डारण में किया जाता है।
(vi) वर्कस्टेशन (Workstation): यह अभियान्त्रिकी, तकनीकी और ग्राफिक्स के कार्यों के साथ-साथ कम्प्यूटर के एकल व्यक्ति के साथ पारस्परिक व्यवहार में भी प्रयोग होता है।
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
मध्यम आकार के इन कम्प्यूटरों की कार्य क्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक होती है, जिस कारण ये व्यक्तिगत प्रयोग में नहीं लाए जाते हैं। इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर एक या एक से अधिक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं। इनका उपयोग प्राय: छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियाँ करती हैं। मिनी कम्प्यूटर की गति 10 से 30 MIPS (Mega Instructions Per Second) होती है। इसके उदाहरण हैं- HP 9000, RISC 6000, BULL HN-DPZ2 और AS 400 आदि।
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
ये कम्प्यूटर आकार में अत्यधिक बड़े होते हैं। ये कम्प्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते हैं। अत: बड़ी कम्पनियों तथा बैंक या सरकारी विभागों में एक केन्द्रीय कम्प्यूटर के रूप में इनका प्रयोग होता है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटर को ऐक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ता प्राय: नोड का इस्तेमाल करते हैं। अधिकतर कम्पनियों में मेनफ्रेम कम्प्यूटरों का उपयोग भुगतानों का ब्यौरा रखने, बिलों को भेजने, कर्मचारियों का भुगतान करने, उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का बौरा रखने इत्यादि कार्यो में किया जाता है। इसके उदाहरण हैं- CDs-CYBER, IBM 4381, ICL 39, UNIVAC-1110 आदि।
4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
सुपर कम्प्यूटर सर्वाधिक गति, संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं। इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है। विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘क्रे रिसर्च कम्पनी’ द्वारा वर्ष 1976 में विकसित क्रे-1 (Cray -1) था। भारत के पास भी सुपर कम्प्यूटर है तथा भारत के प्रथम सुपर कम्प्यूटर का नाम ‘परम’ (PRAM) है, इसका विकास C-DAC ने किया है। इसका विकसित रूप ‘परम-1000’ भी तैयार कर लिया गया है।
सुपर कप्यूटर का मुख्य उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, एनीमेशन तथा चलचित्र का निर्माण करने, अन्तरिक्ष यात्रा के लिए अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में भेजने, बड़ी वैज्ञानिकी और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करने इत्यादि कार्यो में किया जाता है। इसके उदाहरण हैं – PRAM, PARAM-1000, CRAY -1, CRAY-2, NEC-500 आदि।
तो दोस्तों आज आपने जाना की आकर के आधार पर कंप्यूटर के कितने प्रकार होते है
आगे हम आपको बताएँगे की उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है


No comments:
Post a Comment
कृपया अपना कीमती सुझाव दे आपके सुझाव के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ....